सलीम यांची एक रचना
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आज कलम का कागज से
मै दंगा करने वाला हूँ,
मीडिया की सच्चाई को मै
नंगा करने वाला हूँ
मै दंगा करने वाला हूँ,
मीडिया की सच्चाई को मै
नंगा करने वाला हूँ
मीडिया जिसको लोकतंत्र का
चौंथा खंभा होना था,
खबरों की पावनता में
जिसको गंगा होना था
चौंथा खंभा होना था,
खबरों की पावनता में
जिसको गंगा होना था
आज वही दिखता है हमको
वैश्या के किरदारों में,
बिकने को तैयार खड़ा है
गली चौक बाजारों में
वैश्या के किरदारों में,
बिकने को तैयार खड़ा है
गली चौक बाजारों में
दाल में काला होता है
तुम काली दाल दिखाते हो,
सुरा सुंदरी उपहारों की
खूब मलाई खाते हो
तुम काली दाल दिखाते हो,
सुरा सुंदरी उपहारों की
खूब मलाई खाते हो
गले मिले सलमान से आमिर,
ये खबरों का स्तर है,
और दिखाते इंद्राणी का
कितने फिट का बिस्तर है
ये खबरों का स्तर है,
और दिखाते इंद्राणी का
कितने फिट का बिस्तर है
म्यॉमार में सेना के
साहस का खंडन करते हो,
और हमेशा दाउद का
तुम महिमा मंडन करते हो
साहस का खंडन करते हो,
और हमेशा दाउद का
तुम महिमा मंडन करते हो
हिन्दू कोई मर जाए तो
घर का मसला कहते हो,
मुसलमान की मौत को
मानवता पे हमला कहते हो
घर का मसला कहते हो,
मुसलमान की मौत को
मानवता पे हमला कहते हो
लोकतंत्र की संप्रभुता पर
तुमने कैसा मारा चाटा है,
सबसे ज्यादा तुमने हिन्दू
मुसलमान को बाँटा है
तुमने कैसा मारा चाटा है,
सबसे ज्यादा तुमने हिन्दू
मुसलमान को बाँटा है
साठ साल की लूट पे भारी
एक सूट दिखलाते हो,
ओवैसी को भारत का तुम
रॉबिनहुड बतलाते हो
एक सूट दिखलाते हो,
ओवैसी को भारत का तुम
रॉबिनहुड बतलाते हो
दिल्ली में जब पापी वहशी
चीरहरण मे लगे रहे,
तुम ऐश्वर्या की बेटी के
नामकरण मे लगे रहे
चीरहरण मे लगे रहे,
तुम ऐश्वर्या की बेटी के
नामकरण मे लगे रहे
'दिल से' दुनिया समझ रही है
खेल ये बेहद गंदा है,
मीडिया हाउस और नही कुछ
ब्लैकमेलिंग का धंधा है
खेल ये बेहद गंदा है,
मीडिया हाउस और नही कुछ
ब्लैकमेलिंग का धंधा है
गूंगे की आवाज बनो
अंधे की लाठी हो जाओ,
सत्य लिखो निष्पक्ष लिखो
और फिर से जिंदा हो जाओ
अंधे की लाठी हो जाओ,
सत्य लिखो निष्पक्ष लिखो
और फिर से जिंदा हो जाओ
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